Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY)

परिचय:
Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana – PMMSY भारत एक विशाल समुद्री तटरेखा और अनेक नदियों, झीलों व तालाबों वाला देश है, जहाँ मत्स्य पालन का क्षेत्र ग्रामीण और आर्थिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत विश्व में मत्स्य उत्पादन में शीर्ष देशों में से एक है। इस क्षेत्र की महत्ता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की शुरुआत की। यह योजना मत्स्य पालन क्षेत्र में समग्र विकास और “नीली क्रांति” (Blue Revolution) को आगे बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
PMMSY का शुभारंभ:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की घोषणा वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में की गई थी। इस योजना का औपचारिक शुभारंभ 10 सितंबर 2020 को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री गिरिराज सिंह द्वारा किया गया।
उद्देश्य (Objectives):
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देना – वर्ष 2024-25 तक 220 लाख टन मछली उत्पादन का लक्ष्य।
- मछुआरों की आय में वृद्धि – उनकी आमदनी को दोगुना करने की दिशा में कार्य।
- रोज़गार सृजन – लगभग 55 लाख प्रत्यक्ष और परोक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न करना।
- आधुनिक तकनीकों का उपयोग – मत्स्य पालन में विज्ञान एवं तकनीक का समावेश।
- बुनियादी ढांचे का विकास – कोल्ड स्टोरेज, फीड मिल, प्रसंस्करण यूनिट आदि की स्थापना।
- निर्यात को बढ़ावा देना – मछली निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित करना।

योजना की विशेषताएँ:
- समग्र दृष्टिकोण: यह योजना समुद्री, अंतर्देशीय (inland), और जलाशय मत्स्य पालन सभी क्षेत्रों को कवर करती है।
- क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण: राज्यों और जिलों को समूहों के रूप में विकसित कर मत्स्य पालकों को लाभ पहुँचाना।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): निजी निवेश को प्रोत्साहित करना।
- डिजिटल रिकॉर्डिंग एवं ट्रैकिंग: डिजिटल पोर्टल के माध्यम से मत्स्य पालन गतिविधियों की निगरानी।
बजट और वित्तीय प्रावधान:
इस योजना के लिए कुल 20,050 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जो कि अब तक मत्स्य क्षेत्र के लिए आवंटित सबसे बड़ा निवेश है। इसमें से:
- 12,340 करोड़ रुपये केंद्र प्रायोजित घटक के लिए हैं।
- 7,710 करोड़ रुपये राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों और निजी क्षेत्र के योगदान से आएँगे।
PMMSY के तहत मुख्य घटक:
- मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि:
- उच्च गुणवत्ता वाली बीज और फ़ीड की उपलब्धता।
- आधुनिक मत्स्य पालन तकनीक जैसे बायोफ्लॉक, रीसर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम (RAS) आदि को प्रोत्साहन।
- बुनियादी ढांचे का विकास:
- कोल्ड चेन, मत्स्य प्रसंस्करण इकाई, कोल्ड स्टोरेज, फिश लैंडिंग सेंटर, लाइव फिश मार्केट आदि का निर्माण।
- मार्केटिंग और ब्रांडिंग:
- ‘एक ब्रांड एक उत्पाद’ की तर्ज पर भारत की मछलियों की पहचान बनाना।
- क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण:
- मत्स्य पालकों को तकनीकी जानकारी, प्रशिक्षण और वित्तीय साक्षरता प्रदान करना।
- सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा:
- बीमा योजनाएँ, दुर्घटना बीमा, मछुआरों के लिए आवास आदि का प्रावधान।
लाभार्थी कौन हैं?
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ निम्नलिखित को मिलता है:
- पारंपरिक और व्यावसायिक मछुआरे
- मत्स्य सहकारी समितियाँ
- किसान उत्पादक संगठन (FPOs)
- स्टार्टअप्स और उद्यमी
- अनुसंधान संस्थान
- राज्य सरकारें और पंचायती राज संस्थाएँ
प्रमुख उपलब्धियाँ (अब तक):
- उत्पादन में वृद्धि: योजना लागू होने के बाद भारत का मत्स्य उत्पादन निरंतर बढ़ रहा है।
- रोज़गार में वृद्धि: हजारों युवाओं को मत्स्य पालन से स्वरोजगार मिला है।
- इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास: कई राज्यों में अत्याधुनिक मत्स्य बाजार, कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित की गईं।
- डिजिटल पहल: जैसे ऐप्स के माध्यम से तकनीक का उपयोग बढ़ा है।
चुनौतियाँ:
- समुद्री प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन की वजह से मत्स्य उत्पादन में अस्थिरता।
- छोटे मत्स्य पालकों तक तकनीक और फाइनेंस की पहुँच अभी भी एक बड़ी चुनौती है।
- राज्य और केंद्र के बीच समन्वय की आवश्यकता।
भविष्य की दिशा:
- नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy): PMMSY भारत को एक “नीली अर्थव्यवस्था” के हब के रूप में विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
- नवाचार को प्रोत्साहन: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, IoT जैसे तकनीकों को मछली पालन में लाना।
- निर्यात वृद्धि: भारत को मत्स्य निर्यात में विश्व का अग्रणी बनाने का प्रयास।
निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना एक दूरदर्शी और समावेशी योजना है, जिसका उद्देश्य मत्स्य पालन क्षेत्र को आधुनिक, आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाना है। यह योजना न केवल मछुआरों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देती है। यदि इस योजना को उचित निगरानी, पारदर्शिता और सामूहिक प्रयासों से लागू किया जाए, तो यह भारत की “नीली क्रांति” को नई ऊँचाइयों पर ले जा सकती है।

PMMSY Q & A
Q1: प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) क्या है?
उत्तर:
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य देश में मत्स्य पालन (fisheries) के क्षेत्र का समग्र विकास करना, मछुआरों की आय बढ़ाना, और मत्स्य उत्पाद निर्यात को प्रोत्साहन देना है।
Q2: इस योजना की शुरुआत कब हुई थी?
उत्तर:
इस योजना की घोषणा वर्ष 2020-21 के केंद्रीय बजट में की गई थी और इसे 10 सितंबर 2020 को औपचारिक रूप से शुरू किया गया।
Q3: इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर:
- मत्स्य उत्पादन को बढ़ाना
- मछुआरों की आय में वृद्धि करना
- रोजगार सृजन करना
- मत्स्य निर्यात को बढ़ावा देना
- आधुनिक तकनीकों को मत्स्य पालन में लागू करना
Q4: इस योजना के अंतर्गत कुल कितनी राशि खर्च की जाएगी?
उत्तर:
PMMSY के लिए कुल ₹20,050 करोड़ रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जो अब तक की सबसे बड़ी मत्स्य योजना है।
Q5: इस योजना से किस-किस को लाभ मिलेगा?
उत्तर:
- पारंपरिक और व्यावसायिक मछुआरे
- मत्स्य पालक किसान
- स्टार्टअप्स और उद्यमी
- मछुआरा सहकारी समितियाँ
- राज्य सरकारें
- अनुसंधान संस्थान
Q6: इस योजना के तहत कौन-कौन सी प्रमुख सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं?
उत्तर:
- आधुनिक मछली बीज और फ़ीड की उपलब्धता
- कोल्ड स्टोरेज और फिश प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण
- मछुआरों के लिए बीमा योजना
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण
- मछली विपणन एवं ब्रांडिंग सहायता
Q7: इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर:
लाभार्थी को संबंधित राज्य सरकार की मत्स्य पालन विभाग या जिला मत्स्य कार्यालय से संपर्क कर आवेदन करना होता है। कई राज्यों ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च किए हैं।
Q8: इस योजना के तहत कौन-कौन से क्षेत्र कवर किए गए हैं?
उत्तर:
- समुद्री मत्स्य पालन
- अंतर्देशीय (inland) मत्स्य पालन
- झींगा, सीप, केकड़ा आदि जलीय जीवों का पालन
- प्रसंस्करण और निर्यात से जुड़े क्षेत्र
Q9: योजना का क्रियान्वयन किस प्रकार होता है?
उत्तर:
PMMSY को केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त सहयोग से लागू किया जाता है। इसके अंतर्गत केंद्र प्रायोजित योजनाएँ, व्यक्तिगत लाभार्थी आधारित योजनाएँ और इन्फ्रास्ट्रक्चर योजनाएँ शामिल हैं।
Q10: PMMSY से रोजगार पर क्या प्रभाव पड़ा है?
उत्तर:
योजना का लक्ष्य लगभग 55 लाख रोजगार के अवसर सृजित करना है। इससे ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और उद्यमियों को स्वरोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
Q11: क्या यह योजना ‘नीली क्रांति’ (Blue Revolution) से जुड़ी है?
उत्तर:
हाँ, यह योजना ‘नीली क्रांति’ को आगे बढ़ाने का एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य भारत को मत्स्य पालन क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व दिलाना है।
Q12: योजना की निगरानी कैसे की जाती है?
उत्तर:
इस योजना की निगरानी डिजिटल पोर्टल्स, मोबाइल ऐप्स और राज्यों द्वारा समय-समय पर की जाती है। साथ ही केंद्र सरकार की विशेष समितियाँ भी इसकी प्रगति की समीक्षा करती हैं।